शून्य भी बड़ा कमाल का है , एक तरफ से देखो
तो शून्य है मगर सबकुछ शून्य में समाया हुवा है और वैसे भी कहा जाता है कि अंत ही
आरंभ है , इस बात को समझना आसान नही
है और जो समझ जाता है उसे संसार मे किसी बात का डर नही रहता है और संसार की हर मोह
माया से परे हो जाता है । कुल मिलाकर देखा जाए तो शून्य एक रहस्य है जिसे सुलजाना
जरूरी है हम सब शून्य के अंदर ही है और जो शून्य की सीमा बिना सोचे समझे लाँघता है
वो फिर से शून्य बनकर जन्म लेता है याने शून्य बन जाता है ...... आई बात कुछ समझ
मे या सब उप्पर से गया ? ....
अनुराधा चौहान जी
की शून्य कलम शून्य के परिध से कुछ कहे रही है आज , जो सीधे शब्दों में साफ साफ बता रही है कि ......
शून्य से आए हैं
शून्य में समा
जाएंगे
शून्य के रहस्य
को
हम फिर भी न समझ
पाएंगे
" पोएट्री बाय अनुराधा " एक बेहतरीन ब्लॉग है मगर उस ब्लॉग की ये रचना ईश्वर की खूबसूरत
रचना को याने इंसान को बहुत कुछ समझाती है कि मत कर इतना अभिमान , मत कर ये मेरा ये मेरा क्यों कि तू खुद एक
शून्य है और तुझे उसी शून्य में समाना है ,.... जरूर पढियेगा इस पोस्ट को दोस्तो ।
अनुराधा जी कलम यहाँ है और अनुराधा जी के लिए
आपको एक कमेंट enoxo multimedia के यूट्यूब चैनल
पर भी देना क्यों कि कुछ रचना दिल की गहराइयों से लिखी गई होती है और हाँ यूट्यूब
चैनल को subscribe करके bell
आइकॉन दबाना भूलियेगा नही
तू मुझे कैसे भूल
जाता है ,
भूलकर कैसे सकून
पाता है !
याद आती नहीं
तुझे मेरी
फ़िक्र सताती नहीं
तुझे मेरी
हमने बातों में
इक सदी गुज़ारी थी
वो सदी तू कैसे भूल जाता है !
तू मुझे कैसे भूल जाता है !
जी हाँ , वेणु जोया जी की कलम ने शून्य के मायाजाल में
फंसे इंसान को कुछ पूछा है ...की , तू मुझे कैसे भूल
जाता है ? ...सच कहु तो यही
शून्य का कमाल है और यही आरम्भ की वजह भी है , जरूर पढियेगा इस रचना को दोस्तो .... और कमेंट में वेणु जी
ने पूछे सवाल का जवाब दीजियेगा
शून्य का मायाजाल
ही ऐसा है कि होकर भी साथ नही होता है जैसे आपके पास सबकुछ है मगर फिर भी ,
कुछ भी नही है .... आपके पास अल्फाज है ,
आपके पास ख्वाब है , आपके पास ख्वाहिश है ,जुबां है मगर जैसे ही शून्य के परिध को आप टच करते है वैसे
आप शून्य बन जाते है और शून्य के रास्ते पर चले जाते है ..... बात अभी भी नही समझे
क्या ? तो भाई चलो ज्योति सिंह
की कलम से कैद कुछ अल्फाजो को समझते है .....
होकर भी साथ नहीं
ख्वाब वही
ख्वाहिश वही
अल्फाज वही
ज़ुबां वही ,
फिर रास्ते
कैसे
जुदा है
सफ़र के ,
ज्योति सिंह की
इस रचना ने चंद शब्दो मे बहुत गहराई भरी बात कर दी है आप जरूर पढ़ें इस रचना को और
ज्योति दीदी की इस रचना पर कमेंट करना और उनके लिए यूट्यूब पर भी कमेंट करना भूलियेगा नही
शून्य में समाए
इंसान की ख्वाइश बहुत रहती है मगर इंसान हरी पत्तियों को भी पतझड़ बना देता है अपनी
ख्वाइशें पूरी करने के लिए अरे भाई हरि पत्तियां का मतलब अपने हरे भरे जीवन मे
ख्वाईश का ढेर लगा देता है जब हारकर थक जाता है तब ...
चंचल किरणें शशि की
झांक रही थी
पत्तियों से ,
उतर आई अब मेरे
आंगन ,
जी करता इनसे
अंजलि भर लूं
या फिर थाली भर-भर रख लूं ,
जी हाँ , कुसुम कोठारी की कलम ने इंसान की उस फितरत की
बात की है जो शून्य में समाई हुई है मगर फिर भी वो मजबूत है ..... आप पढिये तो सही
फिर आप भी कहेंगे कि वाह ! चाँद कटोरा , .... भाई वहाँ कमेंट करके ये जरूर बताना की शून्य में समाई हुई
इंसानी फितरत कितनी मजबूत है और चांद कटोरा के लिए यूट्यूब चैनल पर भी एक कमेंट
जरूर करियेगा ...
शून्य भी बड़ा कमाल का है कभी खलबली मची हुई थी .... कभी वैभव अपार था और ताकत इतनी थी कि देश को
70 साल से लूट रही सरकार को
भी घर का रास्ता दिखाया था , अरे ! भाई मैं 2014 के के पहले की बात कर रहा हु ब्लॉग जगत की मगर
आज ना जाने उसका वो वैभव कहाँ गया ? और कहाँ खो गया वो अफाट शब्दो का खजाना .... ना जाने क्यों ? कई बेहतरीन लेखको की कलम शून्य हो गई ... ना जाने क्यों ?
शून्य , क्या इसीको कहते है अंत ? अगर इसीको अंत कहते है तो दूसरी तरफ अंत को ही
आरम्भ भी कहते है .... चलो दोस्तो एकबार फिर से प्राप्त करे वो वैभव जिसमे आप जैसे
लेखको की तेज कलम के माध्यम से कैद होते अल्फाज हो
चलो ब्लॉग जगत की
हालत पर हो जाये एक बात ..मेरे प्रिय बंधु और मार्गदर्शक श्री अजय झा जी की कलम आज
फिर से कुछ बात कर रही है जरूर पढियेगा दोस्तो
* विडीओ ब्लॉग पंच
के एपिसोड
एकबार अवश्य देखे
और चुने अपनी पसंदीदा ब्लॉग
* आप मुझे यहाँ
मिलिए
धन्यवाद ,
विनंती ...... विनंती
ReplyDeleteप्रिय पाठक ,
Enoxo multimedia की यूट्यूब लिंक पर भी अपने पसंद के ब्लॉग के लिए कमेंट करे ताकि ब्लॉग पंच का एवार्ड देने में आसानी रहे
आपका अपना ,
Enoxo multimedia
आपका ये अनोखा प्रयास वाकई गज़ब का है तुलसी भाई | इसने ब्लॉग लेखन को यू ट्यूब की दुनिया तक पहुंचने का कमाल का काम किया है | बहुत बहुत शुभरकामनायें आपको | इसको जारी रखिये | उम्दा काम
ReplyDeleteहृदयपूर्वक आभार आदरणीय अजय जी , असल मे ये कमाल का आइडिया सागर का है जिसने मुझे वापस ब्लॉग जगत में लाया ।
Deleteइस कार्य मे आपके सहयोग की काफी हद तक जरूरत पड़ेगी ताकि ब्लॉग जगत के अच्छे लेखको को ज्यादा से ज्यादा पाठक मीले और उनका और उनकी कलम का हौसला बुलंद रहे
धन्यवाद
बेहद सराहनीय प्रयास, मेरे ब्लॉग को ब्लॉग पंच में शामिल करने के लिए आपका हार्दिक आभार आदरणीय
ReplyDeleteआपका स्वागत है दीदी , कलम के जादूगरों के लिए ही ब्लॉग पंच को बनाया गया है और आपकी कलम तो जादुई है जो कम शब्दो मे बहुत कुछ कहे जाती है
Deleteआपका सदैव स्वागत है विडीओ ब्लॉग पंच के इस मंच पर
बहुत बहुत शुक्रिया आपका बहुत ही कमाल का प्रयास बहुत ख़ुशी हुई यहां तक आके और इस बढ़िया प्रयास को देख कर युहीं आगे बढ़ते रहिये और उत्साह बढ़ाते रहिये
ReplyDeleteधन्यवाद , बहुत जल्द इस कार्य मे और भी जबरदस्त प्रोग्राम को जोड़ने जा रहे है दीदी
Deleteआपका सदैव स्वागत है
5 अगस्त 2019 को इसी ब्लॉग पर लिखा गया आर्टिकल जरूर पढियेगा दीदी
Deleteब्लॉग पंच आखिर है क्या ?
बहुत अच्छे से सराहा है आपने लेखकों और कवियों को। कलम को उत्साह को लिए बहुत आभार
ReplyDeleteब्लॉग जगत में 2015 से पहले काफी एक्टिव रहनेवाले तुलसीभाई ने ब्लॉग जगत छोड़ दिया था मगर हमारी रिक्वेस्ट से वो वापस आये और आज ये जो ब्लॉग पंच देख रहे है ये उन्ही की महेनत है ।
ReplyDeleteताकि ब्लॉग जगत के अच्छे लेखको को सदैव पाठक मिलते रहे ।
यहाँ जो आर्टिकल आप पढ़ते है उसकी थीम भी उन्ही की ही है
तुलसीभाई पटेल के पुराने आर्टिकल कभी यहाँ पढियेगा जरूर
ब्लॉग पंच में जल्द ही एक नया और जबरदस्त फीचर जोड़ने जा रहे है
हमारे मेल आईडी पर हमें आपका मेल भेजिए
हमारा ईमेल आईडी पिछले विडीओ ब्लॉग पंच में दिया हुवा है
धन्यवाद ,
सागर पटेल
Enoxo multimedia